मूवी: बरसात की रात
गायक: मुहम्मद रफ़ी
संगीतकार: रोशन
गीतकार: साहिर लुधियानवी
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात,
एक अनजान हसीना से मुलाकात की रात,
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी …
हाए वो रेशमी ज़ुल्फ़ों से बरसता पानी,
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी ,
दिल में तूफ़ान उठाते हुए
दिल में तूफ़ान उठाते हुए हालात की रात ,
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी …
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका ,
और फिर शर्म से बल खाके सिमटना उसका ,
कभी देखी ना सुनी ऐसी हो....
कभी देखी ना सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात ,
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी …
सुर्ख आँचल को दबा कर जो निचोड़ा उसने ,
दिल पे जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने ,
आग पानी में लगाते हुए
आग पानी में लगाते हुए जज़्बात की रात ,
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी …
मेरे नग़मों में जो बसती है वो तस्वीर थी वो ,
नौजवानी के हसीं ख्वाब की तदबीर थी वो ,
आसमानों से उतर आई
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात ,
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी …