मूवी: C. I. D.
गायक: मुहम्मद रफ़ी, गीता दत्त
संगीतकार: ओ पी नय्यर
गीतकार: जाँ निसार अख्तर
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया,
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया,
आँखों ही आँखों में
गाते हो गीत क्यों दिल पे क्यूँ हाथ है,
खोये हो किस लिए, ऐसी क्या बात है,
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया,
आँखों ही आँखों में
चलते हो झूम के, बदली है चाल भी,
नैनों में रंग है, बिखरे हैं बाल भी,
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया
आँखों ही आँखों में
अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है,
हमको है सब पता, दिल में क्या चोर है,
ये चोर कब से गवारा हो गया,
आँखों ही आँखों में
कैसा ये प्यार है, कैसा ये नाज़ है,
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है,
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया,
आँखों ही आँखों में