गायक: लता मंगेशकर, मुकेश
संगीतकार: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार: आनंद बक्शी
सावन का महीना, पवन करे सोर
सावन का महीना, पवन करे शोर
पवन करे सोर
पवन करे शोर
अरे बाबा शोर नहीं, सोर, सोर, सोर
पवन करे सोर, हाँ!
जियारा रे झूमे ऐसे, जैसे बनमा नाचे मोर
राम गजब ढाए ये पुरवैया
नैया संभालो कित खोये हो खिवैया
होय पुरवैया के आगे चले ना कोई जोर
जियारा रे झूमे…
मौजवा करे क्या जाने हमको इसारा
जाना कहाँ है पूछे नदिया की धारा
मरजी है तुम्हारी ले जाओ जिस ओर
जियारा रे झूमे…
जिनके बलम बैरी गए हैं बिदेसवा
आये हैं लेके उनके प्यार का संदेसवा
कारी मतवारी घटाएं घनघोर
जियारा रे झूमे…