मूवी : जीने की राह
गायक: मुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
संगीतकार: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बक्शी
आ मेरे हमजोली आ, खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में, बागों में बहारों में हो.…
ओ मैं ढूँढूँ तू छुप जा
आ मेरे हमजोली आ, खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में, बागों में बहारों में हो.…
मैं ढूँढूँ तू छुप जा
मैं आऊं, ना ना , मैं आऊं , ना ना ना,
आऊं , ना, मैं आऊं , आजा
पीपल के ऊपर जा बैठा, छुप के मेरा साथी,
धक से लेकिन धड़क गया दिल, गिर गयी हाथ से लाठी,
ओ पकड़ा गया, ओ पकड़ा गया,
मैं आऊं, ना ना , मैं आऊं , ना ना ना,
आऊं , ना, मैं आऊं , आजा
पनघट के पीछे जा बैठी, ओ छुप के मेरी सजनिया ,
झन से लेकिन अनजाने में, झनक गयी पैंजनिया ,
ओ पकड़ी गयी, ओ पकड़ी गयी,
आ मेरे हमजोली आ, खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में, बागों में बहारों में हो.…
मैं ढूँढूँ तू छुप जा
मैं आऊं, ना ना , मैं आऊं , ना ना ना,
आऊं , ना, मैं आऊं , आजा
ओ मेरे नैनों से तू छुप सकता है, ओ मेरे रसिया ,
लेकिन मेरे मन से छुपना मुश्किल है, मेरे मनबसिया ,
ऐ पकड़ा गया, ओ पकड़ा गया,
मैं आऊं, ना ना , मैं आऊं , ना ना ना,
आऊं , ना, मैं आऊं , आजा
काहे लुकछुप के खेल में छेड़े तू, प्रेम की बतिया,
देख तमाशा देख रही हैं, सारे शहर की अँखियाँ ,
ऐ पकड़ी गयी, ओ पकड़ी गयी,
आ मेरे हमजोली आ, खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में, बागों में बहारों में हो.…
मैं ढूँढूँ तू छुप जा
आ मेरे हमजोली आ, खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में, बागों में बहारों में हो.…
मैं ढूँढूँ तू छुप जा
मैं ढूँढूँ तू छुप जा
मैं ढूँढूँ तू छुप जा